Ganapati Aarti

  गणपतीची आरती सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नांची| नुरवी; पुरवी प्रेम, कृपा जयाची | सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची| कंठी झळके माळ, मुक्ताफळांची॥१॥ जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती| दर्शनमात्रे मन कामना पुरती ॥धृ॥ रत्नखचित फरा, तुज गौरीकुमरा| चंदनाची उटी , कुमकुम केशरा| हिरेजडित मुकुट, शोभतो बरा | रुणझुणती नूपुरे, चरणी घागरिया| जय देव जय देव जय […]